टाइटिल : Ummat Ka Gum Hai Kya Koi Puche Huzoor Se
श्रेणी (केटेगरी) : Naat Lyrics ,
लेखक/गीतकार : Akhtar Raza Khan Azhari , Asad Iqbal Kalkattavi ,
नातखवां/कलाकार : Asad Iqbal Kalkattavi ,
जारी/दर्ज किया : 04 Jul, 2022
देखा गया (वीवस) : 2.6K
डाउनलोडज़् : 71
translate लीरिक्स भाषा चुनें:
उम्मत का गम है क्या कोई पूछे हुज़ूर से (x2)
आँसू छलक छलक पड़े चसमाने नूर से
इफ्तार कर रहे है मदीने मे मुस्तफा (x2)
पानी से या नामक से या अजवा खुज़ूर से (x2)
आँसू छलक छलक पड़े चषमाने नूर से
जिबरील कह रहे है फरिश्तों की बज़्म मे (x2)
प्यार मेरा बेलाल है जन्नत की हूर से
जिबरील कह रहे है फरिश्तों की बज़्म मे (x2)
कितना हसीन बेलाल है जन्नत की हूर से
इस वास्ते ज़कात को लाज़िम किया गया (x2)
मुफलिश के घर मे रोशनी पहुचे जरूर से (x2)
आँसू छलक छलक पड़े चषमाने नूर से
दुश्मन भी चेहरा देखे तो वो भी यही कहे (x2)
अख्तर चमक रहा है अंधेरे मे नूर से
प्रसिद्ध टग्स :
sellasad iqbal naatsellasad iqbal ki naatsellasad iqbalsellummat ka gam hai kya koi puche huzoor sesellummat ka gam hai kya koi puche huzoor se naatsellummat ka gam hai kya koi puche huzoor se asad iqbalsellummat ka gam hai kya koi puche huzoor se lyricssellasad iqbal naat sharifsellnaat lyrics in englishsellnaat lyrics in hindisellnaat lyrics in urdu