عنوان : Mustafa Ki Aamad Ka Waqt Kya Nirala Hai
قسم : Naat Lyrics ,
مصنف/گیتکار : Asad Iqbal Kalkattavi ,
نعت خوان/ فنکار : Asad Iqbal Kalkattavi ,
پوسٹ کیا گیا : 26 Sep, 2022
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मुस्तफ़ा की आमद का वक़्त क्या निराला है
शब गुज़रने वाली है दिन निकलने वाला है
आसमान भी जिस दर पे सर झुकाने वाला है
मुस्तफा की चौखट का मरतबा निराला है
खाके पाए आका को मल के अपने चेहरे पर
रब को मुंह दिखाने का रास्ता निकाला है
मुस्तफ़ा की आमद का वक़्त क्या निराला है
उसको छू नहीं सकतीं ज़हमतें ज़माने की
जिसको मेरे आक़ा की रह़मतों ने पाला है
आसमां की ऊंचाई उसको पा नहीं सकती
जिसको मेरे आका के इश्क़ ने उछाला है
मुस्तफ़ा की आमद का वक़्त क्या निराला है
हज़रतों के हज़रत भी देख कर यही बोले
मेरे आला हज़रत का मरतबा निराला है
उनके पांव का धोवन चांद में सितारों में
रंग-ओ-रोगने जन्नत आपका गुसाला है
मुस्तफ़ा की आमद का वक़्त क्या निराला है
दुश्मनाने आक़ा तो जाएंगे जहन्नम में
आशिकों की क़िस्मत में जन्नती निवाला है
मुस्तफ़ा की आमद का वक़्त क्या निराला है
शब गुज़रने वाली है दिन निकलने वाला है