Shan E Nabi
Shan E Nabi

Dil Se Deewana Hu Dastagir Ka Gausul Wara Peerane Peer Ka Lyrics In Hindi
Written By
بانٹیں: Share Share Share More

...

عنوان : Dil Se Deewana Hu Dastagir Ka Gausul Wara Peerane Peer Ka

قسم : Qawwali Lyrics ,

مصنف/گیتکار : Various/Unknown ,

نعت خوان/ فنکار : Various/Unknown ,

پوسٹ کیا گیا : 03 Nov, 2022

بار دیکھا گیا : 1.2K

ڈاؤن لوڈز : 26

download_for_offline لیرکس (بول) پرنٹ/ڈاؤن لوڈ کریں downloadآڈیو/ویڈیو میں ڈاؤن لوڈ کریں

translate لیرکس (بول) کی زبان منتخب کریں:

अपने करम से भर दिया कासा फ़क़ीर का
दुनिया में मुझ को दे दिया रुत्बा अमीर का

मैं क़ादरी हूँ, शुक्र है रब्ब-ए-क़दीर का
हाथों में मेरे हाथ है पीरान-ए-पीर का

मुश्किल पड़े तो याद करो दस्त-गीर को
बग़दाद वाले हज़रत-ए-पीरान-ए-पीर को

यही वो ग़ौस हैं मुर्दों को जिलाने वाले
इन्हें कहते हैं मुहम्मद के घराने वाले

दिल से दीवाना हूँ दस्त-गीर का
ग़ौस-उल-वरा, पीरान-ए-पीर का

ग़ौस-ए-आ'ज़म सब पीरों के पीर हैं
दुखियों के दाता हैं, दस्त-गीर हैं
मर्तबा बड़ा है बड़े पीर का
ग़ौस-उल-वरा, पीरान-ए-पीर का

दिल से दीवाना हूँ दस्त-गीर का
ग़ौस-उल-वरा, पीरान-ए-पीर का

एक दिन देखिए दरिया पे हुवा उन का गुज़र
ग़म की मारी हुई बुढ़िया पे पड़ी उन की नज़र

रोती बुढ़िया नज़र आई तो वहाँ ठहर गए
उन को जाना था कहाँ और कहाँ ठहर गए

पूछा बुढ़िया से, बता किस ने सताया है तुझे ?
दुख दिया, दर्द दिया, किस ने सताया है तुझे ?

बोली बुढ़िया कि समुंदर में बराती डूबे
जितने पानी में थे डूबे हुवे, साथी निकले

डूबी जो कश्ती थी वो निकाल दी
एक बुढ़िया की क़िस्मत सँवार दी
लिखा पूरा हो गया तक़दीर का
ग़ौस-उल-वरा, पीरान-ए-पीर का

डूबी जो कश्ती थी वो निकाल दी
आई मुश्किल, मीराँ ! तुम ने टाल दी
जल्वा रौशन है रौशन-ज़मीर का
ग़ौस-उल-वरा, पीरान-ए-पीर का

दिल से दीवाना हूँ दस्त-गीर का
ग़ौस-उल-वरा, पीरान-ए-पीर का

हसनी हैं, हुसैनी हैं, वो दस्त-गीर
पंज-तनी हैं मेरे पीरान-ए-पीर
मैं दीवाना हूँ उन की तस्वीर का
ग़ौस-उल-वरा, पीरान-ए-पीर का

दिल से दीवाना हूँ दस्त-गीर का
ग़ौस-उल-वरा, पीरान-ए-पीर का

इक नज़र, मीराँ मुहियुद्दीन ! कर
आप का दर छोड़ के जाएँ किधर
सदक़ा दे दो शब्बर-ओ-शब्बीर का
ग़ौस-उल-वरा, पीरान-ए-पीर का

दिल से दीवाना हूँ दस्त-गीर का
ग़ौस-उल-वरा, पीरान-ए-पीर का

शान उन की वलियों में है बे-नज़ीर
मैं भी हूँ, अयाज़ ! उसी दर का फ़क़ीर
दामन वो भर देंगे मुझ ग़रीब का
ग़ौस-उल-वरा, पीरान-ए-पीर का

सारे 'आलम में है रौशन उन का नाम
मैं भी हूँ, अयाज़ ! उसी दर का ग़ुलाम
मँगता हूँ मैं शह-ए-बे-नज़ीर का
ग़ौस-उल-वरा, पीरान-ए-पीर का

दिल से दीवाना हूँ दस्त-गीर का
ग़ौस-उल-वरा, पीरान-ए-पीर का